“तानसेन
समारोह-2019”
संगीत सम्राट की समाधि पर हरिकथा और मीलाद के साथ समारोह
शुरू
ग्वालियर
17 दिसम्बर 2019/ हिंदुस्तानी शात्रीय संगीत के प्रतिष्ठित आयोजन तानसेन समारोह की
आज यहां हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन के समाधि स्थल पर हरिकथा एवं मीलाद वाचन के
साथ परंपरागत शुरुआत हुई। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं संगीत रसिक उपस्थित
थे।
भारतीय संस्कृति में रची बसी गंगा जमुनी तहजीब और सर्वधर्म
समभाव की सुदीर्घ परंपरा को बढ़ाने में तानसेन संगीत समारोह का महत्वपूर्ण योगदान रहा
है। आज सुबह 10 बजे शहर के आध्यात्मिक गुरु ढोलीबुआ महाराज ने तानसेन की समाधि पर हरिकथा
का वाचन किया और सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया। उन्होंने प्रात:कालीन राग भैरवी में
भजन गाए जिनका सार था कि दुनिया नाशवान है और परमात्मा ही एक मात्र सत्य है। इसके साथ
ही हज़रत कामिल ने तानसेन की समाधि पर मीलाद वाचन किया और चादरपोशी कर तानसेन को खिराजे
अकीदत पेश की। इस मौके पर संगीत सम्राट तानसेन के आध्यात्मिक गुरु हजरत मोहम्मद गौस
के मकबरे पर भी चादरपोशी की गई। कार्यक्रम में मजीद खां एवं उनके साथियों ने पारंपरिक
शहनाई वादन प्रस्तुत किया।
इसके साथ ही पांच दिवसीय तानसेन समारोह की पारंपरिक
शुरुआत हो गई। कार्यक्रम में उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक
अखिलेश वर्मा, उपनिदेशक राहुल रस्तोगी, स्थानीय समिति के सदस्य श्री बालखाण्डे सहित
वरिष्ठ अधिकारी, पत्रकार एवं कला रसिक उपस्थित थे।
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