शहनाई
वादन, हरिकथा, मिलाद और चादरपोशी
के साथ हुई पारंपरिक शुरूआत
ग्वालियर 25 दिसम्बर 2018/ भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक
प्रतिष्ठापूर्ण महोत्सव "तानसेन समारोह'' की शुरूआत मंगलवार की सुबह पारंपरिक ढंग से हुई। यहाँ हजीरा स्थित
तानसेन समाधि स्थल पर शहनाई वादन, हरिकथा, मिलाद, चादरपोशी और कव्वाली गायन हुआ। सुर सम्राट
तानसेन की स्मृति में पिछले 94
वर्ष से आयोजित हो रहे तानसेन समारोह में ब्राम्हनाद के शीर्षस्थ साधक तानसेन
समाधि परिसर से गान मनीषी तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करने आए हैं।
तानसेन समाधि स्थल पर परंपरागत ढंग से
उस्ताद मजीद खाँ एवं साथियों ने राग “बैरागी” में शहनाई वादन किया। इसके बाद ढोलीबुआ महाराज नाथपंथी संत श्री सच्चिदानंद
नाथ ने संगीतमय आध्यात्मिक प्रवचन देते हुए ईश्वर और मनुष्य के रिश्तो को उजागर
किया। उन्होने कहा कि अल्लाह और ईश्वर, राम और रहीम, कृष्ण
और करीम, खुदा और देव सब एक हैं।
हर मनुष्य में ईश्वर विद्यमान है। हम सब ईश्वर की सन्तान है तथा ईश्वर के अंश भी
हैं। उन्होने कहा कि रोजा और व्रत, मुल्ला और पण्डित, ख्वाजा
और आचार्य के उद्देश्य व मत एक ही है कि सभी नेकी के मार्ग पर चलें। ढोली बुआ
महाराज द्वारा प्रस्तुत भजन के बोल थे “आपहि खेल खिलाड़ी आपहि धर्मधारी हैं” । उन्होंने प्रिय भजन "रघुपति
राघव राजाराम पतित पावन सीताराम" का गायन किया। इसके बाद ध्रुपद में भी भजन प्रस्तुत किए।
ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा के बाद मुस्लिम
समुदाय से मौलाना इकबाल लश्कर कादिरी ने इस्लामी कायदे के अनुसार मिलाद शरीफ की
तकरीर सुनाई। अन्त में हजरत मौहम्मद गौस व तानसेन की मजार पर जनाब कामिल हजरत जी
द्वारा परंपरागत ढंग से चादरपोशी की गई। इससे पहले जनाब फरीद खानूनी, जनाब भोलू
झनकार एवं उनके साथी कब्बाली गाते हुये चादर लेकर पहुंचे। कव्वाली के बोल थे ''खास दरबार-ए-मौहम्मद से ये आई चादर'' ।
तानसेन समाधि पर परंपरागत ढंग से आयोजित हुए इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश
शासन के संस्कृति विभाग की सचिव श्रीमती रेनू शर्मा, उस्ताद अलाउद्दीन खाँ, कला
एवं संगीत अकादमी के प्रभारी निदेशक श्री राहुल रस्तोगी, स्थानीय दूरदर्शन केन्द्र
के निदेशक श्री बघेल, सहित अन्य संबंधित अधिकारी तथा श्री राकेश अचल व नईम
कुर्रेशी समेत अन्य कलारसिक, गणमान्य नागरिक व मीडिया प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
राज्य शासन के संस्कृति विभाग, उस्ताद
अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी एवं मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के तत्वावधान
में "तानसेन समारोह" इस बार 24 से 29 दिसम्बर तक
आयोजित हो रहा है। तानसेन समारोह में कुल 9 संगीत सभायें होंगीं। पहली सात सभायें
तानसेन समाधि स्थल पर सजेंगी। आठवीं संगीत सभा 29 दिसम्बर को प्रात: तानसेन की
जन्म स्थली मुरार जनपद पंचायत के ग्राम बेहट में झिलमिल नदी के किनारे और अंतिम
सभा इसी दिन सायंकाल गूजरी महल में सजेगी।
तानसेन समारोह की
व्यवस्थाओं का भी किया अवलोकन
कलेक्टर
श्री भरत यादव ने तानसेन समारोह स्थल पहुँचकर समारोह की तैयारियों का भी जायजा
लिया। उन्होंने संस्कृति विभाग के अधिकारियों से कहा कि इस प्रतिष्ठापूर्ण समारोह
में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहना चाहिए। समारोह में शामिल होने वाले कलाकारों
की व्यवस्थाओं का भी बेहतर से बेहतर प्रबंधन हो। इसके साथ ही समारोह में आने वाले
श्रोताओं की व्यवस्थाओं पर भी पूर्ण रूप से ध्यान दिया जाए। कलेक्टर ने पुलिस
विभाग के अधिकारियों से भी कहा कि कार्यक्रम स्थल पर कानून व्यवस्था की स्थिति के
साथ ही बेहतर यातायात और पार्किंग की व्यवस्थायें भी सुनिश्चित की जाएं। निरीक्षण
के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा एवं अपर कलेक्टर
श्री संदीप केरकेट्टा भी उपस्थित थे।
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